अंधेरीरात...
चारोंतरफतेजचहलकदमी।ऐसालगरहाथाजैसेपूराजयपुर सिकर रोडस्थितभवानीनिकेतनग्राउंडकीओरबढ़रहाहो. हजारोंकीतादादमेंलोगथेमगरकोईअव्यवस्थानहीं। प्राय: 8 बजेके बादजयपुरकीसड़केंशांतहोनेलगती है मगर रविवार(20.10.13) कोनजाराहीकुछऔरथा।ग्राउंड के आसपास के रास्तों में ट्रैफिक की चहलपहल तेज थी। धीरेधीरेपूराग्राउंडभरागया... सबइंतजारमेंशांतबैठेथे।अचानकआवाजआई... दिलसेरे.....
औरपूराग्राउंडउछलपड़ा। ए. आर. रहमान के आवाज का जादू पूरे समां में एक ऊर्जा की तरह दौड़ गया।जैसेहीरहमाननेसाजछेड़ातोऐसालगाकि गुलाबी नगरी जयपुरऔरगुलाबीहोगईहो।बेशकरहमानएकजादूगरहैं।जादूगरइसलिएक्योंकिजबउन्होंनेअल्लाहकीशानमेंसूफियानागीत कुन फया कुन औरख्वाजामेरेख्वाजापेशकियातोक्याहिंदूक्यामुस्लिमसबउनकीतालसेतालमिलाने। ये कलाकार के कला की शक्ति ही है जो जात-पात, धर्म-संप्रदाय का भेद खत्म कर देता है। रहमान एक कलाकार हैं। वे संगीत को जीते हैं और उसी में भगवान को देखते हैं।
रहमान एक कन्सर्ट में गा रहे थे जिसका नाम था ‘रहमानइश्क’। ये कन्सर्ट कईशहरोंसेहोकरजयपुरआयाथा।रहमान ने लोगोंकेसामनेसंगीतके प्रति अपनेइश्ककोजाहिरकिया।संगीतकोजीनेवालेरहमाननेएकसेबढ़करप्रस्तुतियांदी।जबरहमानके कांपोजिशन तालसेतालमिला...
परसुखविंदरनेअपनीआवाजदीतोऐसाप्रतीतहुआ जैसेपूरीफिज़ाउनकेतालमेंरमगईहो।हजारोंलोगोंकेतालियोंकीगडगडाहट ने समाकोऐतिहासिकबनादिया।मस्तीकीपाठशाला... परयुवाओंनेखूबडांसकिया।मस्तीवालेगानेकेबादजबशहनाई बजती हैयेजोदेशहैमेरा...
स्वदेशहैमेरा... तुझेहैपुकारा...
माहौलएकाएकशांतहोगया।देशभक्तिकीभावनासेओत-प्रोत सबऐसे रमे किसबनेअपनेहाथोंकोऊपरकरलियाऔरझूमने लगे।येरहमान जादू ही था।
रांझना फिल्मकेगीतोंनेमुझेजहां आईआईएमसी कीयादोंकोआंखोंकेसामनेलाकररखदियावहींसूफियानागीतोंमेंमैंने अध्यात्मकेगोतेलगाए।कुछघंटोंकेकार्यक्रममेंदर्शकोंके कई व्यक्तित्व को रहमान के गीतों ने उभारे।कभीवेनाचते, कभीवेदेशरंगमेंरंगजाते,
कभीरूमानीहोतेतोकभीअध्यात्ममेंडूबजाते।यह रहमान के संगीतकीहीताकतहैजोआपकेइतनेसारीव्यक्तित्वकोकुछपलोंमें सबके सामने ला देता है।रहमानकेसंगीतसेइश्ककोलोगोंनेमहसूसकिया।तीनघंटेतकचलेइससुरोंकेकारवांकाआखिरी पंद्राह मिनट और भी जोशीलारहा।सुखविंदरकेगीतचलछैयाछैयानेलोगोंकोखूब नचायावहीजयहो... नेदर्शकोंको देशभक्ति की भावना को फीलकराया।जयहो...
केवक्तआसमानमेंरंग-बिरंगीआतिशबाजीनेसमांकोऔरभीजोशीलाबनादिया।हजारोंतारेउसरातकागवाहबने।तूहीरे... परजयपुरके िसितार वादकपंडित विश्वमोहनभट्टकेसाथरहमानकीजुगलबंदीनेप्यारकेसागरकीगहराइयोंमेंडूबनेकोमजबूरकरदिया।रहमानकेपिटारेमेंहमेशाकुछहोताहै।राजस्थानकीसंस्कृतिसेजुड़ापधारोम्हारेदेशकोआधुनिकवाद्ययंत्रोंसेरहमाननेऔरभीखूबसूरतटचदिया।